Tuesday, March 27, 2012

‎"सिद्धे शरणं पवज्जामि

‎"सिद्धे शरणं पवज्जामि " 
मैं सिद्ध की शरण में जाता हूं |
इसका तात्पर्य है कि 
मैं कच्चे से पक्का बनानेवाले की शरण में जाता हूं |
लेकिन ऐसा कहने मात्र से कुछ नहीं होगा |
उसके लिए अभ्यास करना होगा |
धर्म उत्कृष्ट मंगल है -
यह कहा जाता है |
धर्म जैसे उत्कृष्ट मंगल की प्राप्ति के लिए तदनुरूप प्रयास करना होगा |
विचारों और भावनाओं की आंच में पकाकर आचरण को भी उत्कृष्ट बनाना पड़ेगा,
तभी धर्म हमारे लिए मंगल हो पायेगा |
धार्मिक कहे जानेवाले लोग उसे पकाने का प्रयत्न नहीं कर रहे हैं |

करोड़ों की आय छोड़ दी

चुरू जिले का एक क़स्बा है -
सरदारशहर |
वहां का एक परिवार है 
चैनरूप सम्पतराम |
यह परिवार सात पीढ़ियों से करोड़पति परिवार कहा जाता है |
अपनी नैतिकता और ईमानदारी के लिए यह परिवार पुरे राजस्थान का नामचीन परिवार बना |
आज़ादी से पहले महाराज गंगासिंहजी जो बीकानेर के महाराज थे,
उनके द्वारा कई तरह की छूट, बख्शीशें इस परिवार को मिली |
एक समय आया,
जब इस परिवार के मुखिया ने पानी के जहाज से आयातित चीजों के व्यापार का परित्याग कर दिया |
वस्तुतः ऐसा कोई सच्चा जैन श्रावक ही कर सकता है |
एक जमे-जमाये व्यापार को,
जिसमें करोड़ों की आय होती थी,
इसलिए छोड़ दिया कि
वह पानी के जहाज़ में लद कर आता था,
जिसमें अपकाय जीवों की हिंसा होती थी |
कोई व्यापार कुशल आदमी इस तरह के निर्णय का मजाक उडाएगा,
किन्तु जिसने तत्व को गहराई से समझा है,
हिंसा-अहिंसा के सूक्ष्म तत्व को जानता है,
वह अपनी अंतरात्मा की आवाज़ पर त्याग को महत्व देगा |

Saturday, March 24, 2012

देखा है जिंदगी को...अब भगवान् को भी देखेंगे

बच्चा जोर-जोर से हँसने लगा - 
यूनान का बादशाह बहुत दयालु था |
एक बार बीमार पड़ने पर हकीम ने कहा-
" एक बच्चे का कलेजा यदि मिल सके तो चिकित्सा हो सकती है |"
दयालु बादशाह का दिल नहीं माना, 
पर मंत्रियों और प्रजा के आग्रह पर घोषणा करा दी गई कि
बालक के बराबर सोना तोलकर मां-बाप को दिया जाएगा |
एक अभागे दंपत्ति ने सोचा कि
७ पुत्र हैं,
एक पुत्र को बेचकर दरिद्रता दूर कर लें |
बालक को राजकर्मचारियों को सौंप दिया |

न्यायालय में भी अर्जी दी गई कि
निरपराध बच्चे की बलि अवैध है |
न्यायालय ने फैसला दिया कि
राजा का जीवन समस्त जनता का जीवन है |
इसलिए बलि देना अवैध नहीं है |

जल्लादों को आदेश दिया गया
बालक का कलेजा निकालने के लिए |
जल्लादों ने ज्यों ही बच्चे को मारने के लिए कटार हाथ में ली,
बच्चा जोर से हँसने लगा |
मौत के समय बच्चे के चेहरे पर मुस्कान देख कर बादशाह के आश्चर्य की सीमा न रही |
बच्चे को पूछा गया |

बालक ने उत्तर दिया -
मैंने संसार की समस्त लीला देख ली है |
और
अब में भगवान की लीला देखना चाहता हूं |
बादशाह ने बालक को पूरी बात स्पष्ट करने को कहा |

बालक ने कहा -
इस संसार में ३ बातों की अपेक्षा की जाती है |
१. मां-बाप से प्यार की
२. न्यायाधीश से न्याय की
३. राजा से संरक्षण की
मां-बाप ने धन के लोभ में मुझे बेच दिया |
न्यायाधीश ने बिना अपराध मुझे मृत्युदंड दे दिया |
राजा भी तुच्छ स्वार्थ के लिए संरक्षण के दायित्व को भूल गया |
इसीलिए मैं हंस रहा हूं,
और
भगवान की लीला देखना चाहता हूं |
एक अबोध बालक का तीखा व्यंग्य सुनकर बादशाह ने बच्चे को गोद में उठा लिया |
बादशाह बोला - मेरे प्राण जाएँ तो जाएँ मुझे कोई चिंता नहीं |
मैं अन्याय नहीं करूँगा |

Tuesday, March 13, 2012

श्रमण धर्म > आर्हत धर्म > जैन धर्म

' जैन धर्म ' नाम नया है 
भगवान् महावीर के बाद जिनभद्रगणी क्षमाश्रमण ने यह नाम प्रयुक्त किया है 
प्रारंभ में इसका नाम 
श्रमण धर्म 
फिर आर्हत धर्म 
और महावीर के काल में निर्ग्रन्थ धर्म कहा जाता था

Thursday, March 1, 2012

मां का ममता भरा ह्रदय कहां से लाओगे ?

रूस में बंदरों के बच्चों पर कुछ प्रयोग किये गए |
उन्हें अपनी मां की गोद से छीनकर यांत्रिक बंदरियों के पास छोड़ दिया गया |
यांत्रिक बंदरियां भी बच्चों को छाती से चिपकाती,
दूध पिलाती थीं,
उनके साथ उछल-कूद मचाती थी,
पर थोड़े दिनों के बाद देखा गया कि
बच्चे विक्षिप्त बन गए |
कारण स्पष्ट था -
उनके पास मां का ममता भरा ह्रदय नहीं था |
~ मुनि श्री सुखलालजी की पुस्तक " अच्छे बच्चे पृष्ठ संख्या १ " से

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नोट- बच्चों में बचपन से अच्छे संस्कार भरने हो तो अवश्य ये पुस्तक शुरू से अंत तक पढ़ें |
बच्चों की हर तरह की समस्यायों का समाधान अति सुंदरता से दिया गया है |
आपके जीवन की अमूल्य निधि है -
" आपका बच्चा "