असहिष्णुता के नाम पर देश को न बांटे !
राष्ट्रीय एकता के लिए बहुत बड़ा खतरा !!
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परमश्रद्धेय आचार्यश्री के आज्ञानुवर्ती तेरापंथ के
वरिष्ठ संत 'अणुव्रत प्राध्यापक' शासनश्री
वरिष्ठ संत 'अणुव्रत प्राध्यापक' शासनश्री
मुनिश्री राकेशकुमारजी ने फरमाया कि
असहिष्णुता के नाम पर देश को बांटने वाले कुचक्रों से दूर रहना चाहिए |
ईशनिंदा से दूर रहकर समाज में जीने की जरूरत है |
भारत का आदर्श वसुधैव कुटुम्बकम रहा है |
कतिपय शक्तियां समाज को बांटने में लगी हुई है |
बांटने का सबसे बड़ा हथियार धर्म को मान लिया गया है |
यह राष्ट्रीय एकता के लिए बहुत बड़ा खतरा है |
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