Monday, April 30, 2012

गुरु-वंदना

गुरु- वंदना ~
युग प्रणेता, युग प्रचेता, युग पुरुष लो वंदना |
विनयनत बद्धांजलि हम, कर रहे अभिवंदना ||
धन्य है सौभाग्य तुम से, कुशल अनुशास्ता मिले |
दिव्य जीवन पा तुम्हीं से, भव्य शतदल हैं खिले ||
तपो युग-युग धर्म शासक, जय विजय पग-पग वरो |
तुम्हीं नैया के खेवैया, पार भव जल से करो ||

~ साध्वी श्री यशोधराजी 

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