Saturday, January 28, 2012

पांचवें आरे की पहचान

गणधर गौतम -
भंते ! पांचवा आरा कैसा होगा ?
उस समय भरत क्षेत्र की क्या स्थिति होगी ?
कैसे भाव, प्रभाव होंगे ?
प्रभो ! मैं विस्तार से जानना चाहता हूं |
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भगवान (महावीर) ने उत्तर दिया -
गौतम ! मेरे निर्वाण के तीन वर्ष और साढ़े आठ माह
पश्चात पांचवा आरा प्रारंभ होगा |
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पांचवें आरे की पहचान
(वर्तमान में पांचवा आरा चल रहा है)

१. कुटुंब में कलह, ईर्ष्या बहुत होगी

२. राजा यम जैसे निर्दयी होंगे

३. प्रधान कर्मचारी रिश्वत लेंगे

४. सेवक स्वामी का द्रोही होगा

५. कई कुलीन स्त्रियाँ निर्लज्ज होंगी

६. पुत्र और शिष्य स्वेच्छाचारी होंगे

७. वर्षा कम आएगी, बाढ ज्यादा

८. दुर्जन धन का सुख और सम्मान पायेंगे

९. सज्जन अल्प-सिद्धि तथा अल्प मान पायेंगे

१०. परराष्ट्र, रोग, मृत्यु तथा दुर्भिक्ष का भय अधिक होगा

११. चोर, मुर्ख तथा कुन्थु जीव विशेष होंगे

१२. ब्राह्मण धन लोभी तथा होम ज्यादा करेंगे

१३. शिष्य गुरुकुल-वास त्यागी होंगे, विनयी शिष्य कम होंगे

१४. अल्प बलशाली सम्यक्त्वी होंगे

१५. मिथ्यात्वी महा-शक्तिशाली होंगे

१६. देव दर्शन दुर्लभ होंगे

१७. विद्या, मन्त्र तथा औषधि का प्रभाव कम होगा

१८. बल, धन-धान्य तथा आयुष्य अल्प-स्थायी होंगे

१९. शिष्य अविनयी, कलह और असमाधि-हेतु होंगे

२०. उसमें दु:ख ज्यादा, सुख कम होगा

२१. धर्म की तेजस्विता क्षीण होती जाएगी

२२. औषधि, आयु, फलों का रस घटेगा

२३. शरीर की एवं मन की ऊंचाई कम होगी

२४. राजा प्रजा को सताएगा

२५. रोग और मृत्यु का भय बढ़ेगा

२६. सम्यकत्व वाले अल्पबली होंगे

२७. पारिवारिकजन जमीन के लिए झगड़ा करेंगे

२८. तथापि उस समय कुछ धर्मात्मा, सज्जन लोग बचेंगे

२९. पांचवे आरे के अंतिम आचार्य दु:प्रसह होंगे |
वे १२ वर्ष की आयु में दीक्षित होंगे |
८ वर्ष तक चारित्र का शुद्ध पालन करके प्रथम स्वर्ग में उत्पन्न होंगे |

३०. उसी दिन चारित्र का लोप होगा |

- शासनगौरव साध्वी श्री राजीमती जी

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