Saturday, February 25, 2012

सामायिक का महत्त्व और विधि


पूछा गया - सबसे कठिन धर्म क्या ?
समाधान होगा - सामायिक या समता में रखना |
प्रश्न पूछा गया - सबसे सरल धर्म क्या ?
समाधान होगा - सामायिक या समता रखना |

उपवास में भूख सहनी होती है |
आतापना में ताप सहना पड़ता है |
सर्दी भी सहन करनी पड़ती है |

किन्तु सामायिक में तो कोई कष्ट नहीं होता |
बस, आसन जमाया और आराम से ध्यान, स्वाध्याय की क्रिया में रम जाओ |
कष्ट कहां है सामायिक में ?
सबसे सरल क्रिया है - "सामायिक "

सामायिक साधना ~ सामायिक शुरू करने से पहले कुछ जानकारी आवश्यक होती है |
सामायिक के उपकरण - मुखवस्त्रिका, माला, आसन, पूंजनी और चद्दर |
स्थान - एकांत या उपासना कक्ष |
सावधानी - खाली पेट अथवा अल्पाहार |
साधना - जप, ध्यान, स्वाध्याय, कायोत्सर्ग, योगासन |

वंदन-पाठ 
तिक्खुत्तो ~
तिक्खुत्तो (तीन बार ) 
आयाहिणं (दाईं से बायीं ओर )
पयाहिणं (प्रदक्षिणा )
करेमि ( करता हूं |)
वन्दामि ( स्तुति करता हूं |)
नमंसामि (नमस्कार करता हूं |)
सक्कारेमि ( सत्कार करता हूं |)
सम्माणेमि ( सम्मान करता हूं |)
कल्लाणं (आप कल्याणकारी हैं |)
मंगलं (आप मंगलकारी हैं | )
देवयं (आप धर्मदेव हैं |)
चेइयं ( आप ज्ञानवान हैं |)
पज्जुवासामि (सेवा करता हूं ) [उपासना करता हूं ]
मत्थएण वंदामि (मस्तक झुका कर वंदना करता हूं |)

सामायिक शुरू करने से पहले वंदन-पाठ ( तिक्खुत्तो ) पढना चाहिए |
सामायिक ऐसे करें -
वंदे अर्हम - ३ बार
वन्दे गुरुवरम - ३ बार
वंदे सच्चम - ३ बार
सामायिक प्रतिज्ञा - करेमि भंते! सामाइयं ( हे भगवान् ! मैं सामायिक करता हूं |)
सावज्जं जोगं ( सावद्द योग [ पापकारी प्रवृत्ति ] का )
पच्चक्खामि ( प्रत्याख्यान करता हूं )
जाव नियमं ( सामायिक का जितना काल हो )
( मुहुत्तं एगं ) एक मुहूर्त ( ४८ मिनट )
पज्जुवासामि दुविहं ( मैं उपासना करता हूं )
तिविहेणं ( तीन योग से [मन, वचन, काया ])
न करेमि ( न करूंगा )
न कारवेमि ( न कराऊंगा )
मणसा (मन से )
वयसा (वचन से )
कायसा (काया से )
तस्स ( उन पूर्वकृत कार्यों से )
भंते! ( हे भगवन !)
पडिक्कमामि ( निवृत्त होता हूं )
निन्दामि ( निंदा करता हूं ) आत्म-साक्षी से
गरिहामि ( गुरु साक्षी से आलोचना करता हूं )
अप्पाणं वोसिरामि (आत्मा को पाप से दूर करता हूं )
नोट- सामायिक पाठ के बाद ५ वार नवकार महामंत्र बोलें |
इसके बाद चतुर्विंशति-स्तव (लोगस्स) का पाठ अवश्य पढ़ें |
परमेष्ठी वंदना - १० मिनट
किसी एक मंत्र का जाप - १० मिनट
कायोत्सर्ग साधना - ५ मिनट
दीर्घ श्वास प्रेक्षा - १० मिनट
उपयुक्त स्वाध्याय - १० मिनट

सामायिक आलोचना पाठ जब ४८ मिनट पुरे हो जाएँ तो निम्न लिखित पाठ पढ़ कर सामायिक पूरी करें | " नौवें सामायिक व्रत में जो कोई अतिचार ( दोष ) लगा जो तो मैं उसकी आलोचना करता/करती हूं | १. मन की सावद्द प्रवृत्ति की हो | २. वचन की सावद्द प्रवृत्ति की हो | ३. शरीर की सावद्द प्रवृत्ति की हो | ४. सामायिक के नियमों का पूरा पालन न किया हो | ५. अवधि से पहले सामायिक को पूरा किया हो | तस्स मिच्छा मि दुक्कडं - इनसे लगे मेरे पाप मिथ्या हो | तत्पश्चात ५ बार नमोकार मंत्र का उच्चारण करें |

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