आचार्य श्री भिक्षु -
जैन धर्म में देखल्यो गुण लारै पूजा |
निगुणा नै पूजै जिका मारग है दूजा ||
अनुवाद -
पूजा हो तो गुणों की हो |
गुण के बारे में किसी का कोई ठेका नहीं होता |
गुण तो किसी में भी हो सकता |
जैन धर्म में देखल्यो गुण लारै पूजा |
निगुणा नै पूजै जिका मारग है दूजा ||
अनुवाद -
पूजा हो तो गुणों की हो |
गुण के बारे में किसी का कोई ठेका नहीं होता |
गुण तो किसी में भी हो सकता |
No comments:
Post a Comment