' जैन धर्म ' नाम नया है
भगवान् महावीर के बाद जिनभद्रगणी क्षमाश्रमण ने यह नाम प्रयुक्त किया है
प्रारंभ में इसका नाम
श्रमण धर्म
फिर आर्हत धर्म
और महावीर के काल में निर्ग्रन्थ धर्म कहा जाता था
भगवान् महावीर के बाद जिनभद्रगणी क्षमाश्रमण ने यह नाम प्रयुक्त किया है
प्रारंभ में इसका नाम
श्रमण धर्म
फिर आर्हत धर्म
और महावीर के काल में निर्ग्रन्थ धर्म कहा जाता था
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