Saturday, March 24, 2012

देखा है जिंदगी को...अब भगवान् को भी देखेंगे

बच्चा जोर-जोर से हँसने लगा - 
यूनान का बादशाह बहुत दयालु था |
एक बार बीमार पड़ने पर हकीम ने कहा-
" एक बच्चे का कलेजा यदि मिल सके तो चिकित्सा हो सकती है |"
दयालु बादशाह का दिल नहीं माना, 
पर मंत्रियों और प्रजा के आग्रह पर घोषणा करा दी गई कि
बालक के बराबर सोना तोलकर मां-बाप को दिया जाएगा |
एक अभागे दंपत्ति ने सोचा कि
७ पुत्र हैं,
एक पुत्र को बेचकर दरिद्रता दूर कर लें |
बालक को राजकर्मचारियों को सौंप दिया |

न्यायालय में भी अर्जी दी गई कि
निरपराध बच्चे की बलि अवैध है |
न्यायालय ने फैसला दिया कि
राजा का जीवन समस्त जनता का जीवन है |
इसलिए बलि देना अवैध नहीं है |

जल्लादों को आदेश दिया गया
बालक का कलेजा निकालने के लिए |
जल्लादों ने ज्यों ही बच्चे को मारने के लिए कटार हाथ में ली,
बच्चा जोर से हँसने लगा |
मौत के समय बच्चे के चेहरे पर मुस्कान देख कर बादशाह के आश्चर्य की सीमा न रही |
बच्चे को पूछा गया |

बालक ने उत्तर दिया -
मैंने संसार की समस्त लीला देख ली है |
और
अब में भगवान की लीला देखना चाहता हूं |
बादशाह ने बालक को पूरी बात स्पष्ट करने को कहा |

बालक ने कहा -
इस संसार में ३ बातों की अपेक्षा की जाती है |
१. मां-बाप से प्यार की
२. न्यायाधीश से न्याय की
३. राजा से संरक्षण की
मां-बाप ने धन के लोभ में मुझे बेच दिया |
न्यायाधीश ने बिना अपराध मुझे मृत्युदंड दे दिया |
राजा भी तुच्छ स्वार्थ के लिए संरक्षण के दायित्व को भूल गया |
इसीलिए मैं हंस रहा हूं,
और
भगवान की लीला देखना चाहता हूं |
एक अबोध बालक का तीखा व्यंग्य सुनकर बादशाह ने बच्चे को गोद में उठा लिया |
बादशाह बोला - मेरे प्राण जाएँ तो जाएँ मुझे कोई चिंता नहीं |
मैं अन्याय नहीं करूँगा |

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