Friday, May 18, 2012

श्रावक के ३ मनोरथ

श्रावक के ३ मनोरथ -
१. श्रावक यह भावना भाये कि वह शुभ दिन कब आएगा जब मैं अल्प या अधिक परिग्रह का त्याग करूंगा |
२. श्रावक यह चिंतन करे कि वह शुभ समय कब प्राप्त होगा जब मैं गृहस्थावास को छोड़कर संयम ग्रहण करूंगा |
३. श्रावक यह विचार करे कि वह मंगल बेला कब आएगी जब मैं अंतिम समय संलेखना व अनशन कर, 
मरण की इच्छा न करता हुआ समाधि मरण को प्राप्त करूंगा |

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