Friday, May 18, 2012

देशावकाशिक व्रत

श्रावक के १२ व्रतों में १० वां व्रत है -
देशावकाशिक व्रत - इस व्रत में पहले लिए गए नियम को छोटा या विस्तार किया जाता है |
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जैसे सुबह किसी ने २५ द्रव्यों की सीमा की और
दोपहर को देखा कि १३ से ही काम चल सकता है,
तो १३ द्रव्य का प्रत्याख्यान कर लिया |
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अथवा सुबह आपने भारत से बाहर जाने का त्याग किया,
दोपहर को कर्णाटक से,
शाम को बंगलोर से और
रात्रि को घर से भी बाहर जाने का |
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इस प्रकार विवेक से त्याग को लम्बा या छोटा करना |

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