Friday, July 6, 2012

तप कैसे करें ?

पोरसी को कई प्रकार से कर सकते हैं.
जैसे सुबह ९ बजे आपने नाश्ता लिया फिर १ बजे लंच लेंगे
बीच में ४ घंटे का समय है उसका सदुपयोग आप १ पारसी के प्रत्याख्यान से कर सकते हैं.
पोरसी में पानी का आगार रख सकते हैं.
केवल सूर्योदय वाली पोरसी बिना पानी के करनी होती है.


पोरसी को रात में भी कर सकते है.
जैसे रात को भोजन - दूध लेकर कुल्ला कर के 
१० बजे दो पोरसी का प्रत्याख्यान ले लिया
जो तकरीबन ७ घंटे का हुआ सुबह ५ बजे तक हम वैसे भी कुछ नहीं लेते है.
छोटी- छोटी बातों का ख्याल रखते हुए हम श्रावक भी काफी धर्म कर सकते हैं.
हाँ सब में प्रत्याख्यान जरूरी है.


समणी श्री कुसुमप्रज्ञाजी ने खुलासा किया कि
उपवास में पहले दिन सूर्यास्त के पहले भोजन करना चाहिए,
फिर दुसरे दिन पूरा दिन उपवास करें,
फिर तीसरे दिन सूर्योदय के पश्चात पारणा करें.
इस प्रकार तीन सूर्य की साक्षी से शुध्ह उपवास होता है.


चरम प्रत्याख्यान -
तप का एक प्रकार होता है
इसमें सूर्यास्त के ४८ मिनट पहले भोजन- पानी बंद कर देना चाहिए.
किसी भी तपस्या में साधारण आगार रखना चाहिए,
की भूल में हो गया.


४८ मिनट के तप का खुलासा
आपने नाश्ते में १० मिनट + दोपहर के खाने में १२ मिनट + दोपहर की चाय में ७ मिनट + शाम के भोजन में १२ मिनट = कूल ३९ मिनट
बाकी पानी का समय रख लें.
पर जागरूकता रखनी पड़ेगी.
कुछ तपस्याएँ तो हर कोई कर सकता है.
१. भोजन के बाद एक घंटे का चौविहार का त्याग 
२. रात्रि भोजन का त्याग 
३.किसी प्रिय वस्तु को छोड़ने का त्याग
४.जूठन छोड़ने का त्याग
५. अपने मुंह अपनी प्रशंसा नहीं करना 
६.निंदा सुनकर भी समभाव में रहना
७.आते क्रोध को थामना.

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