कोई प्रश्न समझ में न् आये तो उसे समझने का प्रयत्न करें और 'करते रहे" |
प्रयत्न करने पर भी समझ में न् आये तो उसे 'केवलीगम्य' कर दें,
- बुद्धि से अगम्य मान कर छोड़ दें |
किन्तु खींच-तान न् करें |
~ भिक्षु स्वामी
प्रयत्न करने पर भी समझ में न् आये तो उसे 'केवलीगम्य' कर दें,
- बुद्धि से अगम्य मान कर छोड़ दें |
किन्तु खींच-तान न् करें |
~ भिक्षु स्वामी
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